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महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ

प्रबुद्ध सन्त परमपूज्य श्रीसुधांशु जी महाराज द्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में प्रदूषणमुक्त, प्राकृतिक एवं स्वच्छ शुद्ध पर्यावरण में संचालित महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ, आनंदधाम आश्रम !

भारतीय संस्कृति की धरोहर व आधुनिक शिक्षा प्रणाली का अनूठा केन्द्र।

भारतीय संस्कृति के इतिहास में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली बड़ी प्राचीन है। भगवान् श्री राम, श्रीकृष्ण से लेकर समस्त गुरु, ज्ञानी, ध्यानी, सिद्ध साधकगण जो समाज को सुदिशा प्रदान करने का कार्य करते रहे हैं, अधिकांशतया वे गुरुकुल की ही देन हैं। सन् 1999 में प्राचीन विद्या शिक्षा के केंद्र के रूप में आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूज्यश्री ने गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली को ध्यान में रखते हुए महर्षि वेदव्यास विद्यापीठ की स्थापना की, जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त करके नवयुवक धर्माचार्य बनकर धर्म-संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसी शिक्षा स्थल को आपने सन् 2007 में बाल गुरुकुल का रूप दिया। संप्रति, गुरुकुल परिसर में वे बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनके माता-पिता अपने बच्चों को संस्कृत, धर्म और नैतिक शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। उन बच्चों को यहां भारतीय संस्कृति और सभ्यता की शिक्षा के साथ-साथ कम्प्यूटर, पत्राकारिता, खेल-कूद, जूडो-कराटे, योग आदि का प्रशिक्षण देकर उनका सर्वांगीण विकास किया जा रहा है।

आइये, आपको ले चलते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान के उस केन्द्र में जहां से भारतीय संस्कृति के सद्ज्ञान की निरन्तर सुगन्ध् आती है, जहां भारतीय वांग्मय की धारा अक्तूबर, 1999 से अजस्र रुप से प्रवाहित हो रही है, प्रबुद्ध सन्त परमपूज्य श्रीसुधांशु जी महाराज द्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में प्रदूषणमुक्त, प्राकृतिक एवं स्वच्छ शुद्ध पर्यावरण में संचालित महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ के प्रांगण में, जहां देश के सांस्कृतिक क्षेत्र में एक मौन क्रान्ति घटित हो रही है, जहां पूज्यश्री के सान्निध्य में विपन्न एवं गरीब परिवारों से बालकों को पब्लिक स्तर की निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ सुखद आवास, पुस्तकों, पौष्टिक भोजन एवं चिकित्सा की सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

2 अक्तूबर वर्ष 2007 में इस गुरुकुल का रूप बदल कर 100 छात्रों से बाल गुरुकुल का शुभारम्भ हुआ। इस गुरुकुल में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक ऐसी शिक्षा दी जाती है जिसमें प्राचीन व अर्वाचीन शिक्षा पद्धतिओं का समावेश है। गोस्वामी गिरधारी लाल प्राच्य विद्यापीठ एवं सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सैद्धांतिक परीक्षा के अतिरिक्त, जूडो कराटे, कुश्ती, यज्ञ, योग, खेलकूद, संगीत एवं संगणक की शिक्षा भी विधिवत प्रदान की जाती है।